Dr. Himani Pandey , BAMS
सफेद रंग का दिखने वाला यह ब्लॉक जैसा, आप समझ रहे हैं कि मिश्री का टुकड़ा होगा लेकिन यह फिटकरी है जिसको हम संस्कृत में स्फटिका भी कहते हैं। इंग्लिश में हम इसको एलम Alum या पोटाश एलम Potash Alum के नाम से जानते हैं। यह पोटेशियम, एल्युमीनियम और सल्फर का एक क्रिस्टल ब्लॉक है। आयुर्वेद में इसकी बहुत सारी मेडिसिनल प्रॉपर्टीज बताई गई हैं जो अमेजिंग हेल्थ बेनिफिट्स देती हैं। शायद आप हैरान हो जायेंगे जानकर कि यह छोटा सा दिखने वाला ब्लॉक जो एक क्रिस्टल ब्लॉक है सफेद रंग का, यह इतनी सारी मेडिसिनल प्रॉपर्टीज लेकर आता है। तो आज इस आर्टिकल में फिटकरी के बारे में बताऊंगी की आयुर्वेद में इसका कैसे वर्णन किया गया है ? क्या क्या इसकी मेडिसिनल प्रॉपर्टीज हैं और कहाँ पर हमें इसको कैसे यूज़ करना चाहिए ? जिससे कि हमें इसके प्रॉपर बेनिफिट मिल सके।
तो इसका रस जो है वह मधुर, अम्ल, कटु और कषाय है। इसका गुण है- वह गुरु और स्निग्ध है। जो इसकी पोटेंसी है, जो उसका वीर्य है, वह ऊष्ण है। इसी वजह से इसमें एंटीसेप्टिक प्रॉपर्टी ( Antiseptic Property ) भी आती है। एंटीसेप्टिक प्रॉपर्टी ( Antiseptic Property ) मतलब की जो इन्फेक्शन ( Infection ) है, उसको यह रोकता है। इसमें एस्ट्रिंजेंट प्रॉपर्टी ( Astringent Property ) भी है। मतलब कि यह स्किन को कॉन्ट्रैक्ट ( Contract ) करता है, उसको श्रिंक ( Shrink ) करता है, सिकुड़न लाता है, स्तम्भन का कार्य करता है, सिकुड़न का कार्य करता है। उसी तरह से इसमें बैक्टीरिया-स्टैटिक प्रॉपर्टी भी आते है। मतलब जो बैक्टीरिया के ग्रोथ को रोकता है। तो इन्हीं प्रॉपर्टीज के कारण इसके हेल्थ बेनिफिट्स देखने को मिलते हैं।
तो आइए जानते हैं कि कहां कहां पर इसको कैसे यूज़ करना है और इसके हेल्थ बेनिफिट्स क्या क्या हैं ?
Aftershave use
तो सबसे पहला है कि हम इसको ऐसे आफ्टरशेव यूज़ ( Aftershave use ) कर सकते हैं। यह इतना अच्छा आफ्टरशेव Aftershave है कि इसलिए कई जो ब्रांडेड जो आजकल मिल रहे हैं बाजार में प्रोडक्ट्स उसको भी सेल करते हैं क्योंकि यह नैचुरल सब्सटेंस है। इसमें एंटीसेप्टिक, एस्ट्रिंजेंट प्रॉपर्टी पाई जाती है। कई बार शेव करने से स्किन में खरोच आ जाती है, ब्लीडिंग होती है, कट्स आ जाते हैं तो उसको ठीक करता है। अपनी एंटीसेप्टिक और एस्ट्रिंजेंट प्रॉपर्टी के कारण कि जिसकी वजह से वहां पर हीलिंग जल्दी हो जाती है और जो ब्लीडिंग है वह भी रुक जाती है और जो स्कीन है उसमें सूदिंग इफेक्ट आता है। मैंने अक्सर अपने पापा के शेविंग किट में देखा था कि उनके शेविंग किट में फिटकरी रहती थी। उस समय बचपन में उतना आईडिया नहीं आता था कि यह किसलिए रखी जाती है। लेकिन अब इसका आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से मैं उसको आपके सामने प्रेजेंट कर रही हूं कि यह बहुत बेनिफिशियल होता है। अगर आप कोई ब्रांडेड आफ्टरशेव ले रहे हैं तो उसकी जगह आप इसको जरूर यूज करके देखें। तो आपको जो स्किन में सूदिंग इफ़ेक्ट देखने को मिलेगी और इंफैक्शन है उसका खतरा भी रुक जाएगा और ब्लीडिंग भी रुक जाएगी।
How to use
तो इसके लिए आप सबसे पहले जब भी आप शेव करते हैं तो उसको अच्छी तरह से धो लीजिए ठंडे पानी से कि जिससे कि उसमें क्रीम न रहे। सेविंग क्रीम कोई फोम न रहे, कोई उसमें झाग न रहे। उसके बाद फिटकरी को किसी ठंडे पानी में गीला करके आपको अपनी स्किन पर रब करना है। कम से कम 15 से 20 मिनिट आपको उसको रहने देना। इसकी वजह से क्या होगा कि स्किन थोड़ी सी टाइट हो जाएगी। वहां पर जो है ब्लीडिंग रुक जाएगी और सूदिंग इफेक्ट आ जाएगा। हो सकता है कि आपको थोड़ा सा जलन भी वहां पर हो क्योंकि रेजर की वजह से वहां पर कट्स और ब्लीडिंग वगैरह हो जाती तो उसकी वजह से थोड़ा सा जलन वगैरह हो सकती है। लेकिन यह बहुत अच्छा एंटीसेप्टिक सोर्स है। एस्ट्रिंजेंट से तो आप इसको ऐसे आफ्टरशेव यूज कर सकते हैं। बहुत अच्छा ऑप्शन है।
दूसरा है कि इसको आयर्वेद में व्रण रोपण कहा गया है। मतलब कि उनका हीलिंग करने वाला। उसी तरह से यह उनका हीलिंग तो करता ही है और एंटीसेप्टिक प्रॉपर्टी होने के कारण यह वहां पर उसकी क्लीनिंग भी करता है। तो यह व्रण का शोधन भी करता है। तो व्रण का रोपण और शोधन दोनों करेगा तो जिसकी वजह से अगर जो खून है वहां पर ब्लीडिंग हो रहीहै, कट्स हो गए हैं तो उसको ठीक करेगा, वहां पर इन्फ्लेमेशन को ठीक करेगा, इन्फेक्शन को ठीक करेगा तो इसके लिए बहुत अच्छा ऑप्शन है। जैसे कभी आप कुछ काम करने में चाकू से हाथ में कुछ कट्स लग जाते हैं या फिर कुछ भी करने में कट लग जाते हैं या भूल हो जाता है तो उसमें जो है इसका जो बुरा होता है। मतलब इसको पीस के जो उसका बूरा होता है आप उसको वहां पर छिड़क सकते हैं या फिर उसका पेस्ट भी अप्लाई कर सकते हैं कि जिसकी वजह से वहां पर जो ब्लीडिंग है वह रुक जाएगी और इसकी जो कॉन्ट्रैक्ट होगी और जो हीलिंग है वह भी जल्दी होगी और वहां पर कोई इन्फेक्शन भी नहीं होगा ।
तीसरा है आयुर्वेद में इसको मुख रोग नाशक कहा गया है। मुख रोग नाशक मतलब मुख में होने वाले जो रोग होते हैं, जो डिजीज होती हैं उनको ठीक करता है। यह एक ऐसा नेचुरल सब्सटेंस है जो न्यूट्रलाइज करता है। बैड ब्रीद को अगर मुंह से बदबू आ रही है तो उसको न्यूट्रलाइज करेगा। मुंह में होने वाले जो हार्मफुल, जो बैक्टीरिया हैं, जो बदबू होने का कारण बनती हैं उनको यह बैक्टीरियल स्टैटिक प्रॉपर्टी होने के कारण उनको खत्म करता है। इसलिए मुंह से जब अगर दुर्गंध आती है तो हम इसका यूज़ कर सकते हैं। एस्ट्रिंजेंट प्रॉपर्टी होने के कारण जो हमारे गम्स हैं उनको यह टाइट करता है, टाइटनिंग करता है क्योंकि एस्ट्रिंजेंट प्रॉपर्टी है। यह ब्लीडिंग को भी रोकता है। अगर आपके मुंह में छाले हो रहे हैं, ओरल सोर्स हो रहे हैं तो उसको भी ठीक करता है, उनको भी भरता है। एंटीसेप्टिक प्रॉपर्टी होने के कारण दांत में जो कीड़ा लग जाता है, उसको नहीं ठीक करता है। अक्सर यह देखा जाता है कि दांत में पीली परत जम जाती है जिसकी वजह से दांत जो है पीले रंग के दिखाई देते हैं तो यह टीथ वाइटनिंग का भी काम करता है। दांतों को सफेद रंग भी करता है तो इसलिए मुख रोग नाशक को कहा गया है। बहुत अच्छा रिजल्ट इसमें देखने को मिलता है। इसके लिए आप क्या करिए। आधे गिलास गुनगुने पानी में 3 से 4 पिंच 3 से 4 चुटकी आपने थोडा सा फिटकरी का पाउडर लेना है और उसको डाल देना है फिर इसको आपने क्या करना है माउथवॉश करना है आपने इसको निगलना नहीं है तो माउथवॉश करने के बाद तीन चार बार आप करेंगे तो यह बहुत अच्छा एस्ट्रिंजेंट प्रॉपर्टी एंटीसेप्टिक प्रॉपर्टी होने के कारण इसमें बहुत अच्छा आपको रिजल्ट दिखायेगा।
चौथा हैआयुर्वेद में फिटकरी को स्किन प्रॉब्लम्स के लिए नैचुरल रेमेडी पहले से ही यूज़ किया आ रहा है क्योंकि इसमें एस्ट्रिंजेंट प्रॉपर्टी पायी जाती है जिसकी वजह से यह जो रिंकल्स होते हैं, फाइन लाइन्स दिख जाती हैं। एक्ने, पिम्पल्स, डार्क सर्कल्स दिख जाते हैं उसमें बहुत अच्छा इसका रिजल्ट देखने को मिलता है। इसके लिए आप इसका पेस्ट बनाएं। यह पानी में इसको मिला मिक्स करें या फिर आप शायद भी यूज कर सकते हैं और फेस मास्क आप इसको अपने फेस में अप्लाई करिए। पाँच सात मिनट आप इसको रहने दीजिए उसके बाद इसको कोल्ड वाटर से धो लीजिए। फिर उसके बाद सोच लीजिए किसी क्लीन टावल से। लेकिन यह ध्यान रखना है कि जो स्किन है वह आपकी ऑयली होनी चाहिए।
ड्राय स्किन में अगर आप यूज करेंगे तो आपकी स्किन और ड्राय हो जायेगी। थोड़ी सी खुजली भी हो सकती है तो इसलिए ऑयली स्किन में आपको इसका यूज़ करना है और मॉडरेट यूज़ करना है। यह नहीं कि आपने बहुत ज्यादा यूज किया है। उसी तरह से जो स्किन सेंसिटिव होती है उसमें भी आप इसको संभलकर यूज़ करिए। आप इसके लिए पहले पैच टेस्ट भी यूज़ कर सकते हैं जिसमें आप देखेंगे कि आपको कोई एलर्जिक रिएक्शन तो देखने को नहीं मिल रहा है। उसी तरह से सोरियासिस और एग्जिमा जैसी प्रॉब्लम्स में भी आप इसका संभल कर यूज़ करिए। उसमें इसका यूज नहीं करना है। उसमें यह बेनिफिशियल नहीं है, लेकिन जो ऑयली स्किन होती है, जिनकी उनके लिए यह बहुत अच्छा रिजल्ट दिखाता है, उनकी स्किन को टाइट करता है। एस्ट्रिंजेंट प्रॉपर्टी होने के कारण एक्ने और पिंपल्स में भी बहुत अच्छा इसका रिजल्ट देखा गया है।
पांचवा है कि अगर आपको गले से रिलेटेड कोई प्रॉब्लम है कि इन्फेक्शन हो रहा है, गले में खराश हो रही है, इन्फ्लेमेशन हो रहा है तो गले के लिए गुणकारी कहा गया है उसका रिजल्ट भी इसमें देखने को मिलता है। तो यह क्या करता है? वहां पर सूदिंग पैक देता है, हीलिंग प्रॉपर्टी करता है, वहां पर इंफ्लेमेशन को कम करता है। तो अगर किसी को गले की दिक्कत हो रही है तो वहां पर भी इसका यूज किया जाता है। उसी तरह से यह कफ रोग नाशक होने के कारण जिसकी भस्म तैयार की जाती है। जिसको हम स्फटिक का भस्म कहते हैं वह क्या करता है कि जो लंग्स में म्यूकस का सिक्रीशन है उसको रोकता है। तो इसलिए जिसको कफज खांसी होती है, जिसमें कफ आता है तो उसमें इसका यूज किया जाता है। लेकिन इसको चिकित्सक परामर्श के अनुसार ही यूज़ करना चाहिए। जहां तक गले में अगर दिक्कत है उसमें कैसे यूज़ करना है उसके लिए आप आधे गिलास गुनगुने पानी में थोड़ा सा जो है। आधा चम्मच आप फिटकरी डालिए फिर उससे गार्गल करिए। इसको निगलना नहीं है। गार्गल आप 2 से 3 बार करिए तो आपकी सूदिंग इफेक्ट देगी। वहां पर हीलिंग होगी और इन्फ्लेमेशन भी कम हो जायेगा। तो जो आपको गले में दिक्कत हो रही है वह काफी हद तक ठीक हो जायेगी।
छठा इसकी बेनेफिशियल प्रॉपर्टी है कि हम इसको ऐसे नैचुरल डियोडरेंट भी यूज़ कर सकते हैं। यह एक ऐसा सब्सटेंस है जो एस्ट्रिंजेंट प्रॉपर्टी होने के कारण जो स्वेट ग्लैंड्स है उनको श्रिंक कर देता है जिसकी वजह से एक्सेसिव स्वेट नहीं प्रोड्यूस होता है। जो पसीना है वह ज्यादा नहीं आता है। उसी तरह से यह जो बैक्टीरिया होते हैं, जो बैड ऑडर होने के कारण होते हैं, उनकी ग्रोथ को भी रोक देता है।