TB Symptoms in Hindi – टीबी के होते हैं ये लक्षण, ऐसे करें बचाव

0
282

Dr. Himani Pandey , BAMS

आधुनिक शास्त्र की दृष्टि से यदि इसका विचार किया जाए तो राजयक्ष्मा से मिलती जुलती व्याधि है Tuberculosis, लेकिन यह समझना आवश्यक है कि राजयक्ष्मा एवं टयूबरक्यूलाॅसिस् में साधम्र्य के बावजूद उन्हें एक जैसा या समान नहीं मानना चाहिए क्योंकि टयूबरक्यूलाॅसिस की उत्पत्ति का कारण Tuberculosis इन जीवाणुओं को माना गया है न कि आयुर्वेद में वर्णित साहस, क्षय, वेगसंधारण और विषमाशन को, लेकिन इनमें दिखाई देने वाले लक्षणों में काफी साधम्र्य होने के कारण Tuberculosis को राजयक्ष्मा समझा जाता है।
टयूबरक्यूलाॅसिस एक सांसर्गिक व्याधि है जो Hycobectarium Tuberculesis के कारण उत्पन्न होता है। इसका प्रसार हवा के माध्यम से अर्थात् ड्रोपलेट के माध्यम से होता है। जब व्याधि से पीड़ित व्यक्ति खांसता या छींकता है तो ड्रापलेट के माध्यम से इसका प्रसार होता है।
Tuberculosis व्याधि में मुख्यतः Lungs पर असर दिखाई देता है पर यह शरीर के अन्य भागों मेें भी होता है।

सामान्य लक्षण-
टी0 बी0 में मुख्यतः ज्वर, कपकपी महसूस होना (Chills) रात के समय पसीना आना (night sweats), भूख न लगना, वजन कम होना, थकान आदि लक्षण नजर आते हैं।

प्रकार- पल्मनरी (related to lung )
– एक्स्ट्रा पल्मनरी (found in other part of the body)
एक्स्ट्रा पल्मनरी टी0 बी0 अधिकतर उन रोगियों में पाया जाता है जिनमेें रोगप्रतिरोधक क्षमता कम होती है। आज टी0 बी0 का यह प्रकार H. I. V. से ग्रस्त रोगियों में अधिकतर देखा जाता है।

निदान/ Diagonis –
लक्षणों के आधार पर व्याधि का निश्चय करना कठिन हो जाता है, लेकिन रोगी में दो या तीन हफ्तों से खांसी और कफ के लक्षण दिखाई देते हैं, तब टी0 बी0 की शंका आ जाती है।
जांचे ं-
1. Tuberculin Skin Test (TST)
2. Mountex Test
3. Interferon – gamma release assays (IGRAs)
4. Chest x-ray
5. Sputum test
6. Culture test

चिकित्सा –
टी0 बी0 रोग की निश्चिता के बाद आधुनिक चिकित्सा शास्त्र में Autifubercuals treatment (ATT) शुरू की जाती है। – टी0 बी0 व्याधि योग्य चिकित्सा से सम्पूर्णः ठीक हो जाता हैै।

उपाय-
1. टी0 बी0 का प्रसार हवा के माध्यम से होता है इसलिए टी0 बी0 के रोगी को खांसते, छींकते समय मुंह को ढकना आवश्यक है।
2. नवजात शिशुओं को टीका अवश्य लगवाएं।
3. रोगी के कमरे में ताजी हवा का संचार होता रहे।
4. औषधियों का सेवन योग्य समय एवं योग्य काल तक करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here